भजन:
गुरुदेव मेरे साईं , शिव भोले भाले हैं सृष्टि के पालन हार , तिरलोक संभाले हैं
ज्यूँ बालक जन्मे राम , घनश्याम ने जनम लिया
सिखलाई मर्यादा, गीता का ज्ञान दिया
इन दोनों का संगम, बापू से पाते हैं
गुरुदेव मेरे साईं , शिव भोले भाले हैं
दीवानों की दुनिया है , यहाँ हर कोई दीवाना
हर एक का कहना है , वो खुद में है मस्ताना
दीवाने तेरे बापू , कुछ और निराले हैं
गुरुदेव मेरे साईं , शिव भोले भाले हैं
"शुभ" चरनन में तेरे , मेरी प्रीत बढे गुरुवर
इस जग के चिंतन से , मेरा ध्यान हटे गुरुवर
भक्ति की धारा में , हमको नहलाते हैं
गुरुदेव मेरे साईं , शिव भोले भाले हैं
हर एक साधक तेरा , है खुद में मयखाना
एक बूँद मिली जिसको , हो गया है दीवाना
तूने जाम इबादत के , भर-भर के पिलाये हैं
गुरुदेव मेरे साईं , शिव भोले भाले हैं
रचना : अभिषेक मैत्रेय "शुभ"
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